अब तो वक्त कुछ यूँ गुजारना होगा
अहसां जिन्दगी का उतारना होगा
साथ मेरे कोई चले न चले
खुद को तूफां में उतारना होगा
किसी में बुराई देखने से पहले
हमें खुद को भी तो संवारना होगा
यकीनन दौरे-इश्क आएगा मगर
दिल से इस नफरत को मारना होगा
गर तनहा सफर नहीं होता
अब हमसफर को पुकारना होगा
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