हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं .
दिन रात दौड़ती दुनिया में ,
ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं .
माँ की लोरी का एहसास तो है ,
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं .
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके ,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं .
सारे नाम मोबाइल में हैं ,
पर दोस्तों के लिए वक़्त नहीं .
गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं .
आँखों में है नींद बड़े,
पर सोने का वक़्त नहीं .
दिल है ग़मों से भरा हुआ ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं .
पैसों की दौड़ में ऐसे दौडे ,
की थकने का भी वक़्त नहीं .
पराये एहसासों की क्या कद्र करें ,
जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नहीं .
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी ,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा ?
की हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिए भी वक़्त नहीं ...
.
मोहब्बत क्या है ????
किसी ने कहा मोहब्बत क्या है ?
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
समंदर ने कहा …..
मोहब्बत समंदर की गहराइयों में छुपी इक सीप है
जिस में चाहत जैसी अनमोल मोती होती है
बादल ने कहा …..
मोहब्बत एक इन्द्रधनुष है जिस में हर रंग समाया है
शायर ने कहा …..
मोहब्बत एक ऐसी ग़ज़ल है जो
हर एक सुनने वाले के दिल में उतर जाती है
माली ने कहा …..
मोहब्बत गुलशन के फूलो की वो दिलकश खुशबू है
जिससे सारा गुलशन महक उठता है
आँखों ने कहा …..
मोहब्बत आंसू का समंदर है जो किसी के
इन्तेज़ार में खामोशी से बैठा है
नसीब ने कहा …..
मोहब्बत करने वाले इस दुनिया के खुशकिस्मत इंसान है
और जिस के दिल में मोहब्बत नहीं वो इस दुनिया का बदतरीन इंसान है.
दिल ने कहा …..
मोहब्बत किसी को खामोशी से चाह जाने का नाम है
.
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समंदर ने कहा …..
मोहब्बत समंदर की गहराइयों में छुपी इक सीप है
जिस में चाहत जैसी अनमोल मोती होती है
बादल ने कहा …..
मोहब्बत एक इन्द्रधनुष है जिस में हर रंग समाया है
शायर ने कहा …..
मोहब्बत एक ऐसी ग़ज़ल है जो
हर एक सुनने वाले के दिल में उतर जाती है
माली ने कहा …..
मोहब्बत गुलशन के फूलो की वो दिलकश खुशबू है
जिससे सारा गुलशन महक उठता है
आँखों ने कहा …..
मोहब्बत आंसू का समंदर है जो किसी के
इन्तेज़ार में खामोशी से बैठा है
नसीब ने कहा …..
मोहब्बत करने वाले इस दुनिया के खुशकिस्मत इंसान है
और जिस के दिल में मोहब्बत नहीं वो इस दुनिया का बदतरीन इंसान है.
दिल ने कहा …..
मोहब्बत किसी को खामोशी से चाह जाने का नाम है
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Posted by :-
Mr. Rakesh Ranjan
किसी के इतने......
किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे
किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रन्गीली लगे
आन्ख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे
किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये
किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये
किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये.
.
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये
किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे
किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रन्गीली लगे
आन्ख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे
किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये
किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये
किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये.
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Posted by :-
Mr. Rakesh Ranjan
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