मैने पीना कब.....

मैने पीना कब सीखा था?
मैने जीना कब सीखा था?
एक बोतल जो टूट गयी तो,
तो महफ़िल सारी रूठ गयी॥

ये दुनिया एक महफ़िल है
और हम इसके मेहमाँ हैं,
हैं कुछ साक़ी और कुछ आशिक़
उम्मीदें हैं ,कुछ अरमाँ हैं॥

आज अगर कुछ शब्द बहे,
तो आखिर दिल से कौन कहे,
प्यार वफ़ा कसमें और वादे
अब इनकी पीड़ा कौन सहे?

पीड़ा को इतिहास बता कर
पीना मैने अब सीखा है।
शायद लोग और कुछ कह दें
पर जीना मैने अब सीखा है॥
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किसी दोस्त का प्यार चाहिए....

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए

दो कदम तो सभी साथ चलते है
जिन्दगी भर कोई साथ निभाहता नहीं
अगर रोकर भुलाई जाती यादे
तो हसकर कोई गम छुपता नहीं

जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते
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कविता क्या है??

कविता क्या है??

कविता एक भरे हुए दिल की आह -
एक विफल प्रेमी की कराह है .

कविता आंसू हैं दिल के
जो छलक आए है कागज़ पर ...

कविता है बारिश के पानी का छम- छम...
कविता है सूखे पत्तों का मर- मर ..

लेकिन ये न सोचो कविता केवल
थके हारे हुए लोगो की आवाज़ है ...

भर देता है निष्प्राण मुर्दे को
जीवन के स्पंदन से ..
ये वो अनोखा साज़ है ...

और ये है एक माध्यम ...

जो कवि को कर देता है एक
उस अनंत चैतन्य से ...

जिसने ये सारी सृष्टि निर्मित की है ...

जब कवि एक नई कविता रचता है ...
तब क्या वो ही एक नई सृष्टि नही रच रहा होता है ??

जब हँसता है कवि ..
तो वो ही हंस रहा होता है ...

और जब कवि रोता है ..
क्या वो ही नही रोता है !
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किसने देखा मेरे अन्दर ........

किसने देखा मेरे अन्दर -
किसने झाँका ??
इस जीवन में सदा रहा है
प्रेम का फाँका ...

ना कभी कोई ऐसा आया
जो कभी पीड समझे मन की -
जो समझे भाषा शब्दहीन ,
जो साध मिटा दे जीवन की ...

किसने मुझ को मानव समझा ,
किसने समझे हैं भाव मेरे ?
ना कोई मरहम रखता है ,
है हरे अभी भी घाव मेरे ...

मैं नही मांगता कुछ भारी -
बस इतना - मैं भी एक नर हूँ ,
नर सा व्यवहार करो मुझसे ,
मैं इस विनती का अक्षर हूँ ...

मेरे जीवन के खुले पृष्ठ ,
आ कभी तो झाँक पढो इनमें -
मेरे जीवन के जो अनुभव
पा जाओ शायद कुछ उन में ...

मैं भी तुम सा मानव बन्धु
ना साधू ना वनचारी हूँ ,
मेरी दुनिया भी यही , अरे ,
मैं भी तो इक संसारी हूँ ...

कोई हो जिस से कहूँ व्यथा ,
निज जीवन की कुछ कहूँ कथा ,
वो भी बोले कुछ - सुनु मगन ,
चलती सुंदर ये रहे प्रथा ...

हों एक दूसरे के पूरक -
एक दूजे को सम्पूर्ण करें ,
संतोष , शान्ति औ' आनंद से ,
इस जीवन को आपूर्ण करें .
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सोचा करता हूँ कभी कभी...

सोचा करता हूँ कभी कभी -
मैं कौन हूँ क्या पहचान मेरी ?

क्या मैं इक माँ का बेटा हूँ
जिस पर कि नेह बरसता है
माँ के शीतल आँचल में जिसे
बैकुंठ - सा ही सुख मिलता है

या भाई हूँ बहनो का
जिनसे जितना है प्यार मिला
नही अणु धरा पर हैं उतने
औ` ना ही अम्बर में तारे

या प्रेमी हूँ उस बाला का
मन में है जो, और है भी नही
सोचा करता नित उसको ही
जिसका मुझको कुछ पता नही

खोजे चलती हैं नित मन में
प्रश्नों के ज्वार भी उठते हैं
मन लंबे डग ले चलता है
यादों के दल आ जुटते हैं

यह मौन प्रश्न नित मुखरित हो
मेरे ही इस अंतर्मन में
उठता है , कहता है मुझसे
मैं कौन हूँ, क्या पहचान मेरी?

उत्तर जिस दिन पा गया कभी
वह दिवस पता कब आएगा
उस दिन मेरा मन मुझ से ही
पहचान मेरी करवाएगा !!
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अँधेरी रात में.........

उठी ऐसी घटा नभ में
छिपे सब चांद औ' तारे,
उठा तूफान वह नभ में
गए बुझ दीप भी सारे,
मगर इस रात में भी लौ लगाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?

गगन में गर्व से उठउठ,
गगन में गर्व से घिरघिर,
गरज कहती घटाएँ हैं,
नहीं होगा उजाला फिर,
मगर चिर ज्योति में निष्ठा जमाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?

तिमिर के राज का ऐसा
कठिन आतंक छाया है,
उठा जो शीश सकते थे
उन्होनें सिर झुकाया है,
मगर विद्रोह की ज्वाला जलाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?

प्रलय का सब समां बांधे
प्रलय की रात है छाई,
विनाशक शक्तियों की इस
तिमिर के बीच बन आई,
मगर निर्माण में आशा दृढ़ाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?

प्रभंजन, मेघ दामिनी ने
न क्या तोड़ा, न क्या फोड़ा,
धरा के और नभ के बीच
कुछ साबित नहीं छोड़ा,
मगर विश्वास को अपने बचाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?

प्रलय की रात में सोचे
प्रणय की बात क्या कोई,
मगर पड़ प्रेम बंधन में
समझ किसने नहीं खोई,
किसी के पथ में पलकें बिछाए कौन बैठा है?
अँधेरी रात में दीपक जलाए कौन बैठा है?
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हमें कोई ग़म नहीं था....

हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले।

है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमें
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले।

मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा
कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

मैं कभी न मुसकुराता जो मुझे ये इल्म होता
कि हज़ारों ग़म मिलेंगे मुझे इक खुशी से पहले।

ये अजीब इम्तिहाँ है कि तुम्हीं को भूलना है
मिले कब थे इस तरह हम तुम्हें बेदिली से पहले।
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इश्क का अपना मज़ा होता है।

इश्क का अपना मज़ा होता है।

इसमें मिलने का, ज़ुदाई का मज़ा होता है।।

बात महफिल की कहाँ इश्क वाले करते हैं,

हो ज़ुदाई तो तनहाई का मज़ा होता है।

कभी राज़ी तो कभी यार फ़िदा रहता है,

कभी दिलदार की रूसवाई का मज़ा होता है।

कभी आँखों से तो ये आँखें नहीं मिलती,

कभी चेहरे की पढ़ाई का मज़ा होता है।

यूँ तो चेहरे को देखने से खुशी मिलती है,

तो कभी देखकर रूलाई का मज़ा होता है।
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प्यार का PC............

अभी अभी तो प्यार का PC किया है चालु
अपने दिल के Hard Disk पे और कितनी Files डालु

अपने चेहरे से रूसवाई की Error तो हटाओ
ऐ जानेमन अपने दिल का Password तो बताओ

वो तो हम है जो आप की चाहत दिल मॆं रखते है
वरना आप जैसे कितने Softwares तो बाज़ार में बिकते है

रोज़ रात आप मेरे सपने में आते हो
मेरे प्यार को Mouse बना के उंगलियों पे नचाते हो

तेरे प्यार का Email मेरे दिल को लुभाता है
पर बीच में तेरे बाप का Virus आ जाता है

और करवाओगे हमसे कितना इन्तजार
हमारे दिल की साईट पे कभी Enter तो मारो यार

अपने इन्सल्ट का बदला देखो कैसे लुंगा
जानेमन तेरे बाप को Ctrl+Alt+Delete कर दुंगा

आपके कई नखरे अपने दिल पे बैंग हो गये
दो PC जुड़ते जुड़ते Hang हो गये

आप जैसो के लिये दिल को Cut किया करते है
वरना बाकी केसेस में तो Copy Paste किया करते हैं

आपक हँसना आप क चलना आप की वो स्टाईल
आपकी अदाओं की हमने Save कर ली है File

जो सदीयों से होता आया है वो रीपीट कर दुंगा
तु ना मिली तो तुझे Ctrl+Alt+Delete कर दुंगा

लड़कीयां सुन्दर हैं और लोनली हैं
प्रोब्लम है कि बस वो Read Only है
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GOOD FRIEND...(A - Z)

(A)ccepts you as you are

(B)elives in "you"

(C)alls you just to say "HI"

(D)oesn't give up on you

(E)nvisions the whole of you(even the unfinished parts)

(F)orgives your mistakes

(G)ives unconditionally

(H)elps you

(I)nvites you over

(J)ust "be"without you

(K)eeps you close at heart

(L)oves you for who you are

(M)akes a difference in your life

(N)ever Judges

(O)ffer support

(P)icks you up

(Q)uiets yours fears

(R)aises your spirits

(S)ays nice things about you

(T)ells you the truth when you need to hear it

(U)nderstands you

(V)alues you

(W)alks beside you

(X)-plains thing you don't understand

(Y)ells when you won't listen and

(Z)aps you back to reality..............
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आज अचानक फिर से .......

आज अचानक फिर से वो डायरी में यूँ टकरा गये
हो पहली-पहली बार सब कुछ ऐसा किस्सा सुना गये

कोशिश तो की मैंने मगर पन्ना नहीं पलटा गया
ली वक्त ने करवट मगर हमसे नहीं पलटा गया

धुँधले हुये शब्दों ने फिर एक साफ मूरत जोड़ ली
सूखे हुये गुलाब ने एक पल में खुशबू मोड़ ली

लिखे हुये वादे सभी एक पल में जैसे खिल गये
छूटे हुये अरमान सब ख्वाबों से आके मिल गये

सब छोड़ के तुम पास थे
बाहों के अब विश्वास थे

आँखों ने फिर से सींच के तुमसे कही बातें वही
तुमने भी शरमा के फिर धीरे से है हामी भरी

अब वक्त जैसे है नहीं और बस तुम्हारा साथ है
अब स्वर्ग को जाना नहीं जो हाथ तेरा साथ है

फिर हाथ तेरा थामकर
खिड़की से बाहर झाँककर
हमने नयी दुनिया गढ़ी
जिसमें न कोई अंत था
पल-पल में जब वसन्त था

इतने में एक झोंका आया
मुझे एक पल को भरमाया
मैंने रोका पर रुका नहीं
पन्ना भी तो अब टिका नहीं

पन्ना पलटा और आँख खुली
पन्ना पलटा और आँख खुली

और दूरी का अहसास हुआ
दूरी का अह्सास हुआ......
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मुद्दत हो गयी ....

मुद्दत हो गयी उन तनहाइयों को गुजरे , आज भी इन आँखों में वो खामोशियाँ क्यों है

चुन चुन कर जिसकी यादों को अपने जीवन से निकाला मैंने

मेरे दिल पर आज भी उसकी हुकूमत क्यों है

तोड़ दिया जिसने यकीं मोहब्बत से मेरा

वो शख्स आज भी मेरे प्यार के काबिल क्यों है

रास ना आये जिसको चाहत मेरी

आज भी वो मेरे दिन और रात में शामिल क्यों है

खत्म हो गया जो रिश्ता वो आज भी सांस ले रहा है

मेरे वर्तमान में जीवित वो आज भी मेरा अतीत क्यों है...............
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दोस्तो से है......

खुशी भी दोस्तो से है,
गम भी दोस्तो से है,

तकरार भी दोस्तो से है,
प्यार भी दोस्तो से है,

रुठना भी दोस्तो से है,
मनाना भी दोस्तो से है,

बात भी दोस्तो से है,
मिसाल भी दोस्तो से है,

नशा भी दोस्तो से है,
शाम भी दोस्तो से है,

जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,

मौहब्बत भी दोस्तो से है,
इनायत भी दोस्तो से है,

काम भी दोस्तो से है,
नाम भी दोस्तो से है,

ख्याल भी दोस्तो से है,
अरमान भी दोस्तो से है,

ख्वाब भी दोस्तो से है,
माहौल भी दोस्तो से है,

यादे भी दोस्तो से है,
मुलाकाते भी दोस्तो से है,

सपने भी दोस्तो से है,
अपने भी दोस्तो से है,

या यूं कहो यारो,
अपनी तो दुनिया ही दोस्तो से है
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हर पल में ख़ुश रहो...

ज़िंदगी है छोटी, हर पल में ख़ुश रहो...

Office मे ख़ुश रहो, घर में ख़ुश रहो...

आज पनीर नही है दाल में ही ख़ुश रहो...

आज gym जाने का समय नही, दो क़दम चल के ही ख़ुश रहो...

आज दोस्तो का साथ नही, TV देख के ही ख़ुश रहो...

घर जा नही सकते तो फ़ोन कर के ही ख़ुश रहो...

आज कोई नाराज़ है उसके इस अंदाज़ में भी ख़ुश रहो...

जिसे देख नही सकते उसकी आवाज़ में ही ख़ुश रहो...

जिसे पा नही सकते उसकी याद में ही ख़ुश रहो

Laptop ना मिला तो क्या, Desktop में ही ख़ुश रहो...

बीता हुआ कल जा चुका है उसकी मीठी यादें है उनमे ही ख़ुश रहो...

आने वाले पल का पता नही... सपनो में ही ख़ुश रहो...

हसते हसते ये पल बिताएँगे, आज में ही ख़ुश रहो

ज़िंदगी है छोटी, हर पल में ख़ुश रहो
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आँसू मैं ना ढूँदना हूमें....

आँसू मैं ना ढूँदना हूमें,
दिल मैं हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.
लम्हा लम्हा वक़्त गुज़ेर जाएँगा,
चँद लम्हो मैं दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी मैं आ जाएगा.
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वेल ही ज़ख़्म दे जाते हैं,
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,
ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज़ियादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना,
मुमकिन नही हैर जगह तुम्हे हम मिलेंगे.
ख़ुशबो की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
सुकों बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
मेहसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हो भी पास नेज़र आएँगे
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बातें करके रुला ना दीजिएगा...

बातें करके रुला ना दीजिएगा...
यू चुप रहके सज़ा ना दीजिएगा...

ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही...
पर दोस्त बना के यूही भुला ना दीजिएगा...

खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया...
दोस्तो के लिए दोस्ती का रिस्ता बनाया...

पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम...
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया...

अब और मंज़िल पाने की हसरत नही...
किसी की याद मे मर जाने की फ़ितरत नही...

आप जैसे दोस्त जबसे मिले...
किसी और को दोस्त बनाने की ज़रूरत नही ***!
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उसने मुझे छूकर नहीं देखा .....

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
किश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा

बेवक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा

जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा

ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुमने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा

पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा
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बाटे इंटरनेट पर......

कइसन-कइसन काम नधाइल बाटे इंटरनेट पर
माउस धइले लोग धधाइल बाटे इंटरनेट पर

सर्च करीं जे चाहीं रउरा घरहीं बइठल-बइठल अब
सबके वेबसाइट छितराइल बाटे इंटरनेट पर

बेदेखल-बेजानल चेहरा से भी प्यार-मुहब्बत अब
अजबे-गजबे मंत्र मराइल बाटे इंटरनेट पर

जब-जब कैफे वाला कहलस सर्वर डाउन बा मालिक
तब-तब बहुते मन बिखियाइल बाटे इंटरनेट पर

रूस, कनाडा, चीन, जर्मनी, भारत, यू.एस या लंदन
एक सूत्र में लोग बन्हाइल बाटे इंटरनेट पर

शाली से जब पूछनी ,' काहो- दुल्हा कतहूँ सेट भइल'
कहली उ मुस्कात ' खोजाइल बाटे इंटरनेट पर

मन के अँगना में गूँजत बा 'भावुक' हो तोहरे बतिया
गोरिया के लव-लेटर आइल बाटे इंटरनेट पर
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Computer Vs. Hindi Films....

1) Pentium III & Pentium I ---- Bade miyan andChhote miyan.

2) Computer infected by Virus - Pyar to Hona hitha.

3) Mouse - Jaanwar.

4)F1 - Guide.

5) Esc - Nau Do Gyarah.

6) Ctrl+Alt+Del - AkhriRastaa.

7) CrtlC + CtrlV - Duplicate.

8) Undo - Aa ab lautchale.

9) Super User Password - Gupt.

10) BackUp - Jaagteraho.

11) UPS - Janta Hawaldar.

12) Server -Godfather.

13) Proxy Server - Padosan.

14) Security -Nakabandi.

15) Storage - Tehkhana.

16) Storage capacity -Badhti ka naam Dadhi.

17) Computer without RAM - KoraKagaz.

18) Computer whose OS is DOS - Buddha mil gaya.

19) System which frequently requires bootable disk - Sharabi.

20) DumbTerminal - Anari.

21) Hard disk and Floppy disk - Gharwaali Baharwaali.

22) Hard Disk partition- Batwara.

23) Hardware & Software - Ek duje ke liye.

24) Temporary file - Khote Sikkey.

25) Operator vs Computer - Meinkhiladi Tu Anadi.

26) NRI - Phir bhi Dil hai Hindustaan
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Om Jai Google hare.....

Swami Om Jai Google hare
Programmers ke sankat, Developers ke Sankat,
Click main door kare!!
Om Jai Google Hare !!

Jo Dhyawe vo pawe,
dukh bin se man ka, Swami dukh bin se man ka,
Homepage ki sampatti lawe, Homework ki sampatti karave
kasht mite work ka,
Swami Om Jai Google hare!!

Tum puran search engine
Tum hi internet yaami, Swami Tum hi internet yaami
Par karo hamari Salari, Par karo hamari apprisal,
Tum dunia ke swami,
Swami Om Jai Google hare.

Tum information ke saagar,
Tum palan karta, swami Tum palan karta,
Main moorakh khalkamii, Main Searcher tum Server-ami
Tum karta dhartaa !!
Swami Om Jai Google hare!!

Din bandhu dukh harta,
tum rakshak mere, Swami tum thakur mere,
Apni search dikhaao, sare reasearch karao
Site par khada mein tere,
Swami Om Jai Google hare!!

Google devta ki aarti jo koi programmer gaawe,
Swami jo koi bhi programmer gaawe,
Kehet SUN swami, MS hari har swami,
Manwaanchhit fal paawe.
Swami Om Jai Google hare.
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आज एक बार .....

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो

आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो

आज एक बार मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो

बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो

आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो

आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो

क्या पता
कल हो ना हो .......
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कोई शक्स हमारा होगा..

किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा

कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा

काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा

किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा

देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा

और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा

कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा

अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा

ऐ ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा
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