इक आरजू है....

इक आरजू है पूरी परवरदिगार करे,
मैं देर से जाऊं और वो मेरा इंतजार करे !

अपने हाथों से संवारूं जुल्फें उसकी,
वो शरमा कर मोहब्बत का इकरार करे !

लिपट जाये मुझसे आलम-ए-मदहोशी में,
और जोशों-जूनून में मोहब्बत का इज़हार करे !

जब उसे छोड़ कर जाना चाहूँ मैं,
वो रोके इक और रात का इसरार करे !

क़सम खुदा की मैं किसी और का हो नहीं सकता,
ये वादा-ए-वफ़ा वो बार बार करे !!

.
Bookmark and Share

आज अचानक फिर से...

आज अचानक फिर से वो डायरी में यूँ टकरा गये
हो पहली-पहली बार सब कुछ ऐसा किस्सा सुना गये

कोशिश तो की मैंने मगर पन्ना नहीं पलटा गया
ली वक्त ने करवट मगर हमसे नहीं पलटा गया

धुँधले हुये शब्दों ने फिर एक साफ मूरत जोड़ ली
सूखे हुये गुलाब ने एक पल में खुशबू मोड़ ली

लिखे हुये वादे सभी एक पल में जैसे खिल गये
छूटे हुये अरमान सब ख्वाबों से आके मिल गये

सब छोड़ के तुम पास थे
बाहों के अब विश्वास थे

आँखों ने फिर से सींच के तुमसे कही बातें वही
तुमने भी शरमा के फिर धीरे से है हामी भरी

अब वक्त जैसे है नहीं और बस तुम्हारा साथ है
अब स्वर्ग को जाना नहीं जो हाथ तेरा साथ है

फिर हाथ तेरा थामकर
खिड़की से बाहर झाँककर
हमने नयी दुनिया गढ़ी
जिसमें न कोई अंत था
पल-पल में जब वसन्त था

इतने में एक झोंका आया
मुझे एक पल को भरमाया
मैंने रोका पर रुका नहीं
पन्ना भी तो अब टिका नहीं

पन्ना पलटा और आँख खुली
और दूरी का अहसास हुआ.......


.
Bookmark and Share

प्रेम का धागा.....

जब एक प्रेम का धागा जुड़ता है,
दिल का कमल तब ही खिलता है !

देखता है ख़ुदा भी आसमान से जमीं पर,
जब एक दिल दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करता है !

सुलगने लगता है तब धरती का सीना भी,
जब कोई आसमान बन के बाहों में पिघलता है !

लिखी जाती है तब एक दस्तान-ए-मोहब्बत,
तब कहीं जाकर अमर-प्रेम लोंगो के दिलों में उतरता है!!

.
Bookmark and Share

उन्हें मज़ा आता है.....

हमारे पेशेंस को आज़माकर, उन्हें मज़ा आता है
दिल को खूब जलाकर, उन्हें मज़ा आता है।

खूब बातें करके जब हम कहते हैं "अब फ़ोन रखूँ?"
बैलेंस का दिवाला बनाकर, उन्हें मज़ा आता है।

उन्हें मालूम है नौकरीवाला हूँ, मिलने आ नहीं सकता
पर मिलने की कसमें खिलाकर, उन्हें मज़ा आता है।

हम तो यूँ ही नशे में हैं, हमें यूँ न देखो
मगर जाम-ए-नैन पिलाकर, उन्हें मज़ा आता है।

हम खूब कहते हैं शादी से पहले यह ठीक नहीं
सोये अरमान जगाकर, उन्हें मज़ा आता है।

वैसे खाना तो वो बहुत टेस्टी बनाती हैं
मगर खूब मिर्च मिलाकर, उन्हें मज़ा आता है।

वो जानती हैं, हमारी कमज़ोरी क्या है, तभी
प्यार ग़ैर से जताकर, उन्हें मज़ा आता है।

.
Bookmark and Share

आंसू आ जाते हैं.......

आंसू आ जाते हैं आँखों में रोने से पहले,
हर ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले !
इश्क है गुनाह ये तो समझ गए,
काश कोई रोक लेता होने से पहले !!

उदास नजरों में ख्वाब मिलेंगे,
कहीं कांटे तो कहीं फूल मिलेंगे !
मेरे दिल की किताब को अपनी नज़र से पढ़ के देखो,
कहीं आपकी याद तो कहीं आप मिलेंगे !!

ग़म ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया !
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी यादों ने सोने न दिया !!

जिसकी आरजू थी वो दिलबर न मिला,
बरसो जिसका इंतजार किया वो पल न मिला !
अजीब खेल है ये मोहब्बत का,
किसी को हम न मिले तो कोई हमको न मिला !!

बिखरे अश्कों के मोती पिरो न सके,
तुम्हारी याद में सारी रात सो न सके !
भीग न जाये आँखों में बसी तुम्हारी तस्वीर,
ये सोचकर एक पल भी रो न सके !!

तक़दीर उनकी जो हमें आजमाए बैठें है,
आये है महफिल में मगर दूर जाकर बैठे है !
नजरों से मिले नज़र तो बात हो,
अफ्शोश की वो नज़रें झुकाए बैठे हैं !!

.
Bookmark and Share

उनसे कहो.......

उनसे कहो एक बार भूल कर आ जाएँ,
जो बीती है उनपर वो सुना जाएँ!

हंस हंस के ग़म छुपाने का हुनर,
उनसे कहो हमको भी सिखा जाएँ!

उनकी याद में तड़पता रहता हूँ हर पल,
उनसे कहो मेरे दिल से अपना नाम मिटा जाएँ!

अरसा हुआ है चाँद को देखे हुए,
उनसे कहो अपना चेहरा दिखा जाएँ!


.
Bookmark and Share

Followers of This Blog