मेरी महबूबा भी.....

मेरी महबूबा भी
कितनी बड़ी तोप है
आँखें चार किए हुए
हुए नहीं चार दिन
और हज़ारों खंजर का
थोप देती आरोप है

काश !
ये मैं पहले जान लेता
कि जो दे देती है दिल
वही फिर ले लेती है जान
जब बरसता
उसका प्रकोप है

पहले
वो जब खुश थी
तो रेन-फ़ारेस्ट की तरह सब्ज़ था
आजकल
गुस्सा है
तो ठंडा-ठंडा युरोप हैं

जल्लाद से भी बढ़कर
अगर कोई है
तो वो मेरी माशुका है
बिना अंतिम इच्छा पूछे ही
खींच लेती वो रोप है |||


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रेन-फ़ारेस्ट = rain forest
सब्ज़ = हरा-भरा
युरोप = Europe
रोप = rope, रस्सी
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