जब कभी तुम तनहा बैठोगे
खुद से होकर खफा बैठोगे
यादें मेरी घेरेंगी तुमको
दिल कर जब यकजा बैठोगे
होंगी तभी दूर सब कमियां
लेकर अगर आईना बैठोगे
सबकी नज़र से गिर जाओगे
होकर अगर बेवफा बैठोगे
खुदा भी न करेगा माफ तुम्हें
'राकेश' से अगर जुदा बैठोगे
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