कुछ कुछ पागल होते हैं

प्यार के दीप जलाने वाले कुछ कुछ पागल होते हैं
अपनी जान से जाने वाले , कुछ कुछ पागल होते हैं ||

हिज्र के गहरे जख्म मिले तो मुझको ये अहसास हुआ
दर्द को सहने वाले कुछ कुछ पागल होते हैं ||

जान से प्यारे लोगो से भी कुछ कुछ पर्दा लाजिम है
सारी बात बताने वाले कुछ कुछ पागल होते हैं ||

ख्वाबो में भी तुमसे मिलने के सपने देखा करता हूँ ,
नींदों में मुसकाने वाले कुछ कुछ पागल होते हैं ||

इस छोटी सी दुनिया में हमने ये हमेशा देखा है
सच्ची बात बताने वाले , कुछ कुछ पागल होते हैं ||

प्यार जिन्हें हो जाये , उनको चैन कहाँ मिल पता है
शब भर अश्क बहाने वाले, कुछ कुछ पागल होते हैं ||

तेरे इश्क में भीग के 'सुमन ' को ये अहसास हुआ
दिल की बात में आनेवाले कुछ कुछ पागल होते हैं ||
Bookmark and Share

No comments:

Followers of This Blog